मेरी लेखनी, मेरी कविता
कविता (जनमत की शक्ति )
मेरे देश के सच्चे लोगों अपना धर्म निभा दो
देश पुरातन की ताकत का सबको ज्ञान करा दो
भगत सिंह के बलिदानों का ऐसा मूल्य चुका दो
जो गद्दार देश के हैं तुम उनको यह बतला दो
नाफरमानी नहीं चलेगी ,अब मनमानी नहीं चलेगी ।
अब तक जितने जुल्म किए थे ,उनका मूल्य चुका दो
मेरे देश के सच्चे लोगों अपना धर्म निभा दो
अगर पता होता उस पल तो ,ऐसी आस न जगती
जीजा माई वीर शिवाजी जैसा शेर न जनती
महाराणा साा बीर न होता ,पृथ्वी जैसे बच्चे
मन में कपट नहीं था जिनके, थे वो मन के सच्चे
इस सच्चाई की ताकत का ,इनको ज्ञान करा दो
मेरे देश के सच्चे लोगों ,अपना धर्म निभा दो
इस धरती की खातिर देखो महिला भी बलिदान हुईं
झाँसी वाली रानी देखो इसीलिए कुर्बान हुई
शेखर ने बलिदान कर दिया खुद को इसकी बेदी
उस शेखर को आताताई कहते हैं ये भेदी
राजनीति की भेंट चढ़ गया, आजादी का चोला
अब ना कोई कहे मात मेरा रंग दे बसंती चोला
संसद से सड़कों तक देखो हाहाकार मच