
मेरी लेखनी मेरी कविता
वह मुझे फिर याद आने लगे हैं
जिन्हें भूलने में जमाने लगे हैं!
समझ के अपना
गले से लगाया था जिन्हें
वह हमको अपनी फितरत
दिखाने लगे हैं!
रहते थे सप
वह मुझे फिर याद आने लगे हैं
जिन्हें भूलने में जमाने लगे हैं!
समझ के अपना
गले से लगाया था जिन्हें
वह हमको अपनी फितरत
दिखाने लगे हैं!
रहते थे सप
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