
मेरी लेखनी मेरी कविता
जब तेरी डोली निकाली जाएगी
(कविता)
जब तेरी डोली निकाली जाएगी
बिन मुहूरत के उठा ली जाएगी।।
यह किराए पर मिला तुझको मकाँ
कोठरी खाली करा ली जाएगी।
जब तेरी डोली निकाली जाएगी।।
यह जिंदगी का घर तेरा
सपनों की सारी दुनियाँ
खुदगर्ज है जमाना।
वापस तुझे है जाना।।
कुछ कर्म कर जगत में
जब तेरी डोली निकाली जाएगी
(कविता)
जब तेरी डोली निकाली जाएगी
बिन मुहूरत के उठा ली जाएगी।।
यह किराए पर मिला तुझको मकाँ
कोठरी खाली करा ली जाएगी।
जब तेरी डोली निकाली जाएगी।।
यह जिंदगी का घर तेरा
सपनों की सारी दुनियाँ
खुदगर्ज है जमाना।
वापस तुझे है जाना।।
कुछ कर्म कर जगत में
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