मेरी लेखनी ,मेरी कविता
जब जब मैं सोचूूँ ,खयालों में आना
(कविता)भक्ति विशेषांक
जब जब मैं सोचूंँ
सवालों में आना,
जब जब मैं चाहूंँ
खयालों में आना ।।
जीवन की मेरी
तमन्ना भी तू है,
मेरे रास्तों का
रहकर भी तू है।
आवाज देकर
मुझको बुलाना
जब जब मैं देखूंँ
खयालों में आना।।
मेरी सोच तुमसे
सबल हो रही है,
दर्शन की इच्छा
प्रबल हो रही है।।
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जब जब मैं सोचूूँ ,खयालों में आना
(कविता)भक्ति विशेषांक
जब जब मैं सोचूंँ
सवालों में आना,
जब जब मैं चाहूंँ
खयालों में आना ।।
जीवन की मेरी
तमन्ना भी तू है,
मेरे रास्तों का
रहकर भी तू है।
आवाज देकर
मुझको बुलाना
जब जब मैं देखूंँ
खयालों में आना।।
मेरी सोच तुमसे
सबल हो रही है,
दर्शन की इच्छा
प्रबल हो रही है।।
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