
मेरी लेखनी मेरी कविता
होली खूब मनाइए (छंद )
होली खूब मनाइए
लेकिन मन में धार
प्रेम गीत मन में बसें
जीवन का आधार ।।
सच्चे मन से खेलिये
होली खूब मनाइए (छंद )
होली खूब मनाइए
लेकिन मन में धार
प्रेम गीत मन में बसें
जीवन का आधार ।।
सच्चे मन से खेलिये
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