मेरी लेखनी मेरी कविता
हमें जिंदगी से शिकायत ना होती!
(कविता)
हमें जिंदगी से शिकायत न होती
जो आसान जीवन की चाहत न होती।
सपने न होते, रवायत न होती
अपनों की ऐसी खिलाफत न होती,
दीपक जला था
यह जलता ही जाता ।
हवाओं में भरपूर ताकत न होती।।
हमें जिंदगी से शिकायत न होती
जो आसान जीवन की चाहत न होती।।
हसरत न होती मुकामोंं की हमको
कहानी में ऐसा अजब दौर होता।
गुलशन में भी फूल खिल जाते मेरे
गमे जिंदगी की इबारत न होती।
हमें जिंदगी से शिकायत न होती
जो आसान जीवन की चाहत न होती।।
सूरज से रोशन मेरा ख्वा
हमें जिंदगी से शिकायत ना होती!
(कविता)
हमें जिंदगी से शिकायत न होती
जो आसान जीवन की चाहत न होती।
सपने न होते, रवायत न होती
अपनों की ऐसी खिलाफत न होती,
दीपक जला था
यह जलता ही जाता ।
हवाओं में भरपूर ताकत न होती।।
हमें जिंदगी से शिकायत न होती
जो आसान जीवन की चाहत न होती।।
हसरत न होती मुकामोंं की हमको
कहानी में ऐसा अजब दौर होता।
गुलशन में भी फूल खिल जाते मेरे
गमे जिंदगी की इबारत न होती।
हमें जिंदगी से शिकायत न होती
जो आसान जीवन की चाहत न होती।।
सूरज से रोशन मेरा ख्वा
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