है यह रीत पुरानी (कविता)'s image
107K

है यह रीत पुरानी (कविता)

मेरी लेखनी ,मेरी कविता 
है यह रीत पुरानी (कविता)
 छात्र विशेषांक 

जल्दी जगना जगकर  पढ़ना
 है यह रीत पुरानी ।
मान लीजिए सबका कहना ।
करो नहीं नादानी।

 भोर में उठकर प्यारे बच्चो
  शिक्षा ज्ञान बढ़ाओ।
 सूरज से पहले तुम जागो
 कभी नहीं अलसाओ।

 सुबह सवेरे जल्दी उठकर
बड़ों को शीश नवाओ।
 आशीशों की बारिश होगी
 अच्छे गुण अपनाओ ।।

अनुशास
Read More! Earn More! Learn More!