
मेरी लेखनी ,मेरी कविता
"दोस्तों के लिए बस दुआ कीजिए ।"
(कविता)
इंतजा है मेरी दोस्तों से यही
दोस्ती के लिए बस दुआ कीजिए |
दोस्तों को मयस्सर नथी सादगी,
सादगी के लिए बस वफा कीजिए
इंतजा है मेरी दोस्तों से यही दोस्ती के लिए बस दुआ कीजिए।।
आदमी को मनाने की कूवत जो हो
अपने
"दोस्तों के लिए बस दुआ कीजिए ।"
(कविता)
इंतजा है मेरी दोस्तों से यही
दोस्ती के लिए बस दुआ कीजिए |
दोस्तों को मयस्सर नथी सादगी,
सादगी के लिए बस वफा कीजिए
इंतजा है मेरी दोस्तों से यही दोस्ती के लिए बस दुआ कीजिए।।
आदमी को मनाने की कूवत जो हो
अपने
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