
मेरी लेखनी मेरी कविता
दिल में छुपी शराफत दिखाई नहीं जाती
(कविता)
दिल में छुपी शराफत दिखाई नहीं जाती
हर बात पर झूठी कसम खाई नहीं जाती।
क्या हुआ हजारों लोगों से मेरा मिलना मिलाना हो
मगर तुम बिन मेरे दिल की
तनहाई नहीं जाती ।।
दिल में छिपी शरा
दिल में छुपी शराफत दिखाई नहीं जाती
(कविता)
दिल में छुपी शराफत दिखाई नहीं जाती
हर बात पर झूठी कसम खाई नहीं जाती।
क्या हुआ हजारों लोगों से मेरा मिलना मिलाना हो
मगर तुम बिन मेरे दिल की
तनहाई नहीं जाती ।।
दिल में छिपी शरा
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