
मेरी लेखनी, मेरी कविता
"चुटकी भर सिंदूर ""(कविता)
कैसा रीत रिवाज है कैसा ये दस्तूर ..
देश-विदेश बनाए हैं
चुटकी भर सिंदूर |
नदिया के दो-तीर हैं बिटिया का संसार
आधा जीवन इस तरफ, आधा है उ
"चुटकी भर सिंदूर ""(कविता)
कैसा रीत रिवाज है कैसा ये दस्तूर ..
देश-विदेश बनाए हैं
चुटकी भर सिंदूर |
नदिया के दो-तीर हैं बिटिया का संसार
आधा जीवन इस तरफ, आधा है उ
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