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भूल भुलैया नैना तेरे (कविता)

मेरी लेखनी , मेरी कविता
भूल भुलैयाँ नैना तेरे
 (कविता)
काले-काले इन नैनों की
 प्रियतम छटा निराली है।

 जिन पर कृपा हुई है इनकी
 उनकी रोज दिवाली है।

 नैनो के दर्पण में देखा
 लोगों ने अपनेपन को
 नैनों में ऐसी शक्ति है
 बदल दिया है जीवन को
 नैनो के सर्कस क
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