मेरी लेखनी मेरी कविता
बेमिसाल ख्वाब
(कविता)
जिसे पढ़ते-पढ़ते
उम्र बीत जाए
वह नायाब किताब हो तुम
इस मतलब की दुनिया में
बेमिसाल ख्वाब हो तुम ।
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बेमिसाल ख्वाब
(कविता)
जिसे पढ़ते-पढ़ते
उम्र बीत जाए
वह नायाब किताब हो तुम
इस मतलब की दुनिया में
बेमिसाल ख्वाब हो तुम ।
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