
मेरी लेखनी मेरी कविता
आग सीने में लगा कर सोया कर
(कविता )
हर नक्श जहन से
मिटा कर सोया कर ,
तू ये सारी दुनियाँ
भुला कर सोया कर।।
क्या खोया क्या पाया
क्या ढूंढ रहा है ,
तू सब कुछ खुदा को
बता कर सोया कर,
हर नक्स जहन से
मिटा कर सोया कर।।
नींद भले कितनी ही
गहरी हो जाए ,
पर तू ख्वाबों को
जगा कर सोया कर,
हर नक्श जहन से
मिटा कर सोया क।।
मखमली एहसास
तुझे सोने नहीं देगा
जमीन पर बिस्तर
 
आग सीने में लगा कर सोया कर
(कविता )
हर नक्श जहन से
मिटा कर सोया कर ,
तू ये सारी दुनियाँ
भुला कर सोया कर।।
क्या खोया क्या पाया
क्या ढूंढ रहा है ,
तू सब कुछ खुदा को
बता कर सोया कर,
हर नक्स जहन से
मिटा कर सोया कर।।
नींद भले कितनी ही
गहरी हो जाए ,
पर तू ख्वाबों को
जगा कर सोया कर,
हर नक्श जहन से
मिटा कर सोया क।।
मखमली एहसास
तुझे सोने नहीं देगा
जमीन पर बिस्तर
 
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