आग बहुत सी बाकी है (कविता)'s image
348K

आग बहुत सी बाकी है (कविता)

मेरी लेखनी मेरी कविता
आग बहुत सी बाकी है
(कविता)

भारत क्यों तेरी सांसों के
 स्वर आहत से लगते हैं !
अभी जियाले परवानों में
 आग बहुत सी बाकी है।।

क्यो
Read More! Earn More! Learn More!