![ग़ज़ल's image](/images/post_og.png)
किसी ने हमको दिया है ये मशवरा बेहतर
जिन्हें ग़ुरूर हो उनसे तो फ़ासला बेहतर
निभे न एक से रिश्ता तो दूसरा बेहतर
हमें बता के गए हैं ये रहनुमा बेहतर
भरो उड़ान तो उड़ते रहो फ़ज़ाओं में
ज़मीं पे रेंगते रहने से वो ख़ला बेहतर
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