
बन गया है एक पुल सा
तुम्हारे और मेरे मन के
बीच
कुछ मेरी कुछ तुम्हारी
कुछ कही कुछ अनकही
यादों का पुल ।।
जो पाट देता है
हमारे बीच की गहरी
अनंत
खाई जैसी
दूरियों को ।।
उस पुल के किनारे
उग गई हैं हमारी बातें
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बन गया है एक पुल सा
तुम्हारे और मेरे मन के
बीच
कुछ मेरी कुछ तुम्हारी
कुछ कही कुछ अनकही
यादों का पुल ।।
जो पाट देता है
हमारे बीच की गहरी
अनंत
खाई जैसी
दूरियों को ।।
उस पुल के किनारे
उग गई हैं हमारी बातें