जब पतझड़ का मौसम
आएगा
और नहीं बचेगा
किसी भी डाली पर
एक भी पत्ता...
तब तुम बन जाना
वो आखिरी पल्लव
और अटके रहना उस
वृक्ष पर...
बनके एक उम्मीद
कि जीवन प्रारंभ होगा
फिर से
एक नई मिट्टी
एक नई बारिश के
साथ ।।
तो क्या हुआ
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