सुख दुख's image
सुख आते हैं 
बुलाने पर 
मान मनुहार करने पर
और जब आते हैं 
तो करनी होती है उनकी
आवभगत
कहीं रूठ कर
चले ना जाए ।।




लेकिन जब दुख आता है
तो स्वयं आता है
चुपचाप, दबे पांव
वो आता है 
और तुम्हारा हो के रह जाता है ।।




सुख रखा जाता है 
घर के किसी कोने में
महकते फूलों से भरे
गुलदान की तरह ।।


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