![सुख दुख's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40gunjan-vishwakarma/None/1648689276223_31-03-2022_06-44-37-AM.png)
सुख आते हैं
बुलाने पर
मान मनुहार करने पर
और जब आते हैं
तो करनी होती है उनकी
आवभगत
कहीं रूठ कर
चले ना जाए ।।
लेकिन जब दुख आता है
तो स्वयं आता है
चुपचाप, दबे पांव
वो आता है
और तुम्हारा हो के रह जाता है ।।
सुख रखा जाता है
घर के किसी कोने में
महकते फूलों से भरे
गुलदान की तरह ।।