
हे राम!!
काश कि तुम जान पाते
अग्निपरीक्षा में नहीं जली थी
मेरी देह
जो जल गया था
वो मेरा मन था
तुम्हारी सीता का मन ।।
हे लक्ष्मण !!
काश कि तुम समझ पाते
बलिदान तो तुमने किया था
पर जो बलि की वेदी पर
खंडित हुई थी
वो थी
मेरी आत्मा
तुम्हारी उर्मिला की आत्मा ।।
हे बुद्ध !!
काश कि तुम देख पाते
उस पेड़ की पत्तियां
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