![बचा रहा बस प्रेम's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40gunjan-vishwakarma/None/1644402225126_09-02-2022_15-53-47-PM.png)
सदियों से
उगती रहीं हैं सभ्यताएं
नदियों के किनारे
और एक प्रक्रिया के तहत
नष्ट भी होती रहीं ।
विकास और विनाश के
इस निरंतर क्रम में
खोजे गए अवशेषों में
जो मिले हमेशा
वो थे
मनुष्यता और प्रेम ।।
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उगती रहीं हैं सभ्यताएं
नदियों के किनारे
और एक प्रक्रिया के तहत
नष्ट भी होती रहीं ।
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इस निरंतर क्रम में
खोजे गए अवशेषों में
जो मिले हमेशा
वो थे
मनुष्यता और प्रेम ।।