
ग़ुस्सा, नाराज़गी, रुसवाई के लिए
ये मौसम अच्छा नहीं जुदाई के लिए।
बरसों पहले एक मौलवी ने कहा था मुझे
मैं आदमी ठीक नहीं हूँ तन्हाई के लिए।
तेरा पलकें झुकाना, वो धीरे से मुस्कुराना
अदायें अच्छी हैं तेरी
Read More! Earn More! Learn More!
ग़ुस्सा, नाराज़गी, रुसवाई के लिए
ये मौसम अच्छा नहीं जुदाई के लिए।
बरसों पहले एक मौलवी ने कहा था मुझे
मैं आदमी ठीक नहीं हूँ तन्हाई के लिए।
तेरा पलकें झुकाना, वो धीरे से मुस्कुराना
अदायें अच्छी हैं तेरी