धूप ज़िन्दगी को
सेंकती है
सर्द रिश्तों में
थोड़ी गर्माहट लाती है
गीले सीलन भरे
विचारों को सुखाकर
सड़न से बचाती है
भीगी -भीगी सी
रुआंसी यादों को
धूप भाप बनाकर
उड़ा देती है
अंचार पापड़ सी
चटखारी कुरकुरी
बीती बातों को
एकदम कड़क
बना देती है धूप
ज़िंदगी की धूप
काले घने
दुखों के बादलों
सेंकती है
सर्द रिश्तों में
थोड़ी गर्माहट लाती है
गीले सीलन भरे
विचारों को सुखाकर
सड़न से बचाती है
भीगी -भीगी सी
रुआंसी यादों को
धूप भाप बनाकर
उड़ा देती है
अंचार पापड़ सी
चटखारी कुरकुरी
बीती बातों को
एकदम कड़क
बना देती है धूप
ज़िंदगी की धूप
काले घने
दुखों के बादलों
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