
तुमने हरी धरती को कर दिया
कुछ पल में ही खून से लाल,
तुम क्या जानो कैसा होता है
असली माँ का लाल।
इंसान तो हो ही नहीं सकते
न हो सकते हो वतनपरस्त,
तुम क्या जानो धर्म क्या है
कैसा होता है खुदा का भक्त।
तुम क्या जानो माँ की ममता
न जाना कभी पिता का प्यार,
कभी निभाया रिश्ता बहन से
कभी किया प्रिया-पत्नी से प्यार।
तुम्हारे लिए तो यहाँ हैं सब जिस्म
कोई कीमत ही कहाँ है जान की,
तुम तो हो श
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