
अमलतास
हे पुष्पों से लदे
प्रफुल्लित अमलतास!
जब भी तुम्हें देखती हूँ
ऐसे लगता है
जैसे पीतांबर ओढ़े
कृष्ण खड़े हों,
जैसे तपती धरा पर
दिव्य ज्योति स्फुलिंग
झर रहे हों,
विद्यालय के प्रांगण में
ज्ञान और बौद्धिक
उन्नति का प्रतीक
बनकर खिला अमलतास
जैसे संदेश दे रहा हो कि
जीवन की परीक्षा में
सफ
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