मैं और मैं's image

मैं हूं दरिया, मैं ही हूं कश्ती।

मैं ही साहिल और मौजभी। 

कैसे बचाऊंगा कश्ती ए नाजूक को।

अपनी अपने भीतरके तूफानौसे। 


यह तूफान नहीं है बस में मेरे । 

बेवजह उछलता है बारबार मचलता है।

बाह्र-ए-अमीक-ए-इष्क का तैझ।

हर वक्त मुझे मिटाये जा रहा है।

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