
गिरा जाल में , हुआ बेहाल मैं,
हार हुआ , फिर से छुआ,
घना घिरा माया समा बांधे,
स्थूल , प्रकट को क्षण क्षण काटे,
किया प्रकट , अब मनोबल
हार हुआ , फिर से छुआ,
घना घिरा माया समा बांधे,
स्थूल , प्रकट को क्षण क्षण काटे,
किया प्रकट , अब मनोबल
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