![संसारी's image](/images/post_og.png)
ये संसारी बस आईना दिखाता है,
यथार्थ में मसाला लगाता है,
छाया मात्र को सत्य बताता है,
तर्को का झाड़ उगाता है।
इन्हें छाया में गुरुर है,
ये फ़ालतू मे मजबूर हैं,
वेदना क
यथार्थ में मसाला लगाता है,
छाया मात्र को सत्य बताता है,
तर्को का झाड़ उगाता है।
इन्हें छाया में गुरुर है,
ये फ़ालतू मे मजबूर हैं,
वेदना क
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