मेरे कुछ प्रिय है , उनसे जुड़ते ही जीवन रीय है ,
विचलन होता चित्त जाये ठहर ले आता गाथा हर ,
उनका ना करु यदि मैं चिंतन तो मुझमें हेय है ,
शब्द से सीढ़ियां बना उनका पड़
विचलन होता चित्त जाये ठहर ले आता गाथा हर ,
उनका ना करु यदि मैं चिंतन तो मुझमें हेय है ,
शब्द से सीढ़ियां बना उनका पड़
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