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धूल
गणेश मिश्रा
May 28, 2022
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बुने है तेरे याद , मैंने सनय-सनय से ,
कुछ को जी लिया , कुछ अरमण्य है ,
लगता है बस पास है , अभी तो दिल के दूर यें ,
हौसला मिटा नहीं , बदला गुरुर मैं ।
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Tag:
कविता
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