हमारा ग़म कभी समझेंगे, ये जमाने वाले लोग
यहीं पर बैठे हैं सारे, मुझको फंसाने वाले लोग।
होंशियार रहना है अब मुझे, हर वक्त कोई कहा,
पीठ पीछे क्या कर दें, ये तीर चलाने वाले लोग।
Read More! Earn More! Learn More!
हमारा ग़म कभी समझेंगे, ये जमाने वाले लोग
यहीं पर बैठे हैं सारे, मुझको फंसाने वाले लोग।
होंशियार रहना है अब मुझे, हर वक्त कोई कहा,
पीठ पीछे क्या कर दें, ये तीर चलाने वाले लोग।