
लबों पर कुछ और दिल में कुछ और, पता है हमें
आना है तो एक बार में आ, न आने में क्या?
देखते- देखते गुजर जाते हैं पल यूँही
कसमें वादे निभाने हैं तो निभा, कहने में क्या?
इश्क़ करत
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लबों पर कुछ और दिल में कुछ और, पता है हमें
आना है तो एक बार में आ, न आने में क्या?
देखते- देखते गुजर जाते हैं पल यूँही
कसमें वादे निभाने हैं तो निभा, कहने में क्या?
इश्क़ करत