वो कितनी हसीन है उसे पता नहीं
वह फूलों के क़रीन हैं उसे पता नहीं
मैं उसे समझाऊं तो क्या समझाऊं
वह बहुत ज़हीन है उसे पता नहीं
जिसे
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वो कितनी हसीन है उसे पता नहीं
वह फूलों के क़रीन हैं उसे पता नहीं
मैं उसे समझाऊं तो क्या समझाऊं
वह बहुत ज़हीन है उसे पता नहीं
जिसे