ग़ज़ल's image
2122/1212/22
दोस्त इसमें दगा नहीं होता,
इश्क़ कोई सजा नहीं होता,,

चोट पत्थर मुझे अगर देते,
नाम तेरा लिखा नहीं होता,,

हम ख़ुशी से ख़रीद लेते गम,
तू अगर जो बिका नहीं होता,,

इक सड़क पार खा गई अन्धा,
आपको दुख ज़रा नहीं होता,,

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