काश तुम्हारी यादों को मैं यूँ भुला पाता
काश अपना ये ज़ख़्म-ए-दिल मिटा पाता..
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करता हूँ आज भी उतनी ही परवाह तेरी
काश इतना कहने की हिम्मत जुटा पाता..
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कितना प्यार है कहो तो दिल चीर दिखा दूँ
काश तूझे अपना दर्द-ए-दिल दिखा पाता..
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