![वक्त's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40dr-puja-jha/None/Screenshot_20220215-1610472_26-02-2022_19-23-45-PM.png)
वक्त रेत सा फिसलता हुआ
थमता नहीं, जाता रहा
यादों के समंदर में
मन डूबता उतराता रहा
कभी आंसू तो कभी हंसी की
रौनकें छलकाता रहा
कोई अब कहां
लहरों के कि
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वक्त रेत सा फिसलता हुआ
थमता नहीं, जाता रहा
यादों के समंदर में
मन डूबता उतराता रहा
कभी आंसू तो कभी हंसी की
रौनकें छलकाता रहा
कोई अब कहां
लहरों के कि