वक्त's image

वक्त रेत सा फिसलता हुआ

थमता नहीं, जाता रहा

यादों के समंदर में

मन डूबता उतराता रहा

कभी आंसू तो कभी हंसी की

रौनकें छलकाता रहा

कोई अब कहां

लहरों के कि

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