इक रोज़ तुम मिले
ज़िन्दगी संवर गई
दिल में फूल खिले
सूने जीवन में बहार छा गई
तुम मिले एक
हसीन ख़्वाब की तरह
मेरी नब्ज़ में धड़के
जज़्बात की तरह
साँसों में महकने लगे
चंदन की तरह
वक़्त की बूँदों को…
अमृत की तरह
घूँट घूँट पीने लगी…
नई उमंग से जीने लगी
वक़्त वहीं थम सा गया…
स
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