यहाँ कौन बताए देखी किसने,
विरल धवल सच की रेखा।
विरला है जो खींच सके यहाँ,
सहज सरल सच की रेखा।
इतनी सुन्दर इतनी कोमल,
इसे छूना हर कोई चाहे।
झूठ को जिसने छुआ नहीं हो,
इसे वह अलबेला ही पाए।
जब प्राण छूटते देह मृत तब,Read More! Earn More! Learn More!
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विरल धवल सच की रेखा।
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सहज सरल सच की रेखा।
इतनी सुन्दर इतनी कोमल,
इसे छूना हर कोई चाहे।
झूठ को जिसने छुआ नहीं हो,
इसे वह अलबेला ही पाए।
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