कुछ इस तरह खुदको मना लिया हमने,
कि तुमसे रूठना अब छोड़ दिया हमने...
थाम रखा था हाथ तुमने पहले से ही किसी और का,
ना जाने किस लकीर ने जोड़ दिया तुम्हें हमसे
तुम कल होंगे किसी और क
कि तुमसे रूठना अब छोड़ दिया हमने...
थाम रखा था हाथ तुमने पहले से ही किसी और का,
ना जाने किस लकीर ने जोड़ दिया तुम्हें हमसे
तुम कल होंगे किसी और क
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