पाती भेजववले बानी भउजी मोर रोवतानी ,
लिखतानी परसों से बाबू जी ना सुतल बानी ,
सांस फुलताटे नइखे माई के दवाई बा ।
कइसे कहीं बबुआ बेमार मोर माई बा ।।
नइखे अब किसानी में कमाई कचरकुट बा ,
लागता की हमनी बीचे डालत केहू फुट बा ,
भइया के समइया बिगरल राम लेखा भाई बा ।
कइसे कहीं बबुआ बेमार मोर माई बा ।।
दु दु गो भ
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