तू रौशनाई सी रगों में बहती है's image
104K

तू रौशनाई सी रगों में बहती है

मैं तो फ़क़त वो लिखता हूं, जो अल्फ़ाज़ तू कहती है,

शायरी मैं क्या करता हूं, तू रौशनाई सी रगों में बहती है।


तू ख़्यालों में चली आती है, वरना मेरी क्या हैसियत?

सबब-ए-मसर्रत तू ही है, और मेरी क्या कैफ़ियत।

खुशक़िस्मती सी मुस्कुराती है, तू ज़हन बनकर रहती है।

शायरी मैं क्या करता हूं, तू रौशनाई सी रगों में बहती है।


तेरी हया भी तो है तेरा कमाल, क्या कहना?

जब हो तू जवाब, तो फिर सवाल क्या कहना?

बेपरवाह जहां, इश्क में कुर्बां; सवालिया निगाह: तू कितना सहती है!

शाय

Tag: Love और3 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!