हे भारत की नारी जागो
उठो और हुंकार भरो
खुद को तुम अबला ना समझो
काली का अवतार धरो
ये कलयुग है यही सत्य है
अब कोई नहीं आने वाला है
खुद की रक्षा स्वयं करो
कोई श्याम नहीं आने वाला
तलवार उठाओ काट दो सिर
जो देखे आंख उठाकर के
मृत्यु का मर्दन कर दो
और
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