औरत होना's image

कोख से लेकर कब्र तक

छल से सजी दुनिया के बाजार में

कितना कठिन है औरत होना !!



पांव में पायल ही नहीं

गले में फांसी का फंदा भी


तुम्हारी खाप पंचायतें

करती रहती हैं

सांसों पर पहरेदारी


'लड़कियां तो लकड़ियां होती हैं

जो चूल्हे में लगाने के लिए बनी हैं'

कब तक ढोएंगे इन मुहावरों को


लड़ो-भिड़ो तुम

और गालियां हमारे नाम से !

बहन का भाई 'साला' से लेकर

मां के नाम की राष्ट्रीय गाली तक,

विजय का हर झंडा

औरत की कोख में क्यूं गाड़ना चाहते हो



तुम बांचते रहे पुरानी पोथियां

बंधक बनाते रहे हमारी जिंदगी


ख्वाब से लेकर सिसकियों तक

टांग दिया आले में

लाल कपड़े से बांधकर।


सताता रहता है तुम्हें डर

कि लड़कियां

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