
सुबह - सवेरे नवल धूप संग , एक नया सवेरा आया है,
तू जाग मुसाफिर लग जा कर्म में, संदेश सवेरा लाया है,
जो कल था सब बीत गया, तुम अब नव शुरुआत करो
हरा के तम को तू निखरेगा, यह आदेश सवेरा लाया है।
तेरी लड़ाई खुद से ही है, औरों से तुझे क्या काम भला,
जिसने खुद को जीत लिया, गढ़ के नव प्रतिमान चला,
जो स्वयं से ही हार गया , वो जग को जीत नह
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