
कहने को देखो खुशियों की आयी है दीवाली,
लेकीन रज्जो के चौके का हर डब्बा है खाली।
रज्जो का दूल्हा बाजार
गया था करने काम,
लेकिन उसको त्योहारी पर
मिले न पूरे दाम ।
बड़ी दुकानें लूट रहीं हैं फिर अबकी दीवाली,
कहने को देखो खुशियों की आयी है दीवाली,
कृत्रिम दीपक बिके जा रहे
महंगे जिनके दाम ।
सत्तू देख देख कर यह सब
बेहद है हैरान ।
कहाँ किसी को भा
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