
मेरे कितने पास मे है तू
किस दगे की आस मे है तू
दुनिया से दूर ले आया है तू
हादसों का माहिर भी है तू
न रहू मैं और न रहे दुनिया
रहे तू ही इसी लायक है तू
आदमीं खुदा होने को है
सुना है कि सब देखता है तू
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मेरे कितने पास मे है तू
किस दगे की आस मे है तू
दुनिया से दूर ले आया है तू
हादसों का माहिर भी है तू
न रहू मैं और न रहे दुनिया
रहे तू ही इसी लायक है तू
आदमीं खुदा होने को है
सुना है कि सब देखता है तू
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