
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।
वक्त आने पे बता देंगे तुझे ऐ आसमाँ।
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है।
था समय जब जरूरतें थी रोटी कपड़ा और मकां।
था वह चौका था वो छाता और था हिंदोस्ताँ।
आज तो पैसे की माया पैसे ही की दास्तां।
तू ही बिस्मिल गर सुझा दे शांति का वो समां।
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