
मुश्किल है अपना मेल प्रिए।
यह प्यार नहीं है खेल प्रिए।।
तुम युवराज सिंह के छह छक्के।
मैं स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद प्रिये।।
तुम लक्ष्मीबाई सी मर्दानी।
में सिंधिया की सेंध प्रिये।।
तुम श्वान निद्रा बको ध्यानम्।
मैं कुंभकरण की नींद प्रिये।।
तुम भगत सिंह सा देश प्रेम।
मैं मीर जफर जयचंद प्रिये।।
तुम जॉन कीट्स और वर्ड्सवर्थ।
मैं तुलसीदास के छंद प्रिये।।
तुम पार्क एवेन्यू के परफ्यूम।
मैं अदरऊद की सुगंध प्रिये।।
मुश्किल है अपना मेल प्रिए।
यह प्यार नहीं है खेल प्रिए।।
तुम प्रेमचंद के उपन्यास।
मैं हूं सिद्धू के शेर प्रिये।।
तुम ज़रूरत हो लेकिन दुर्लभ।
जैसे बीमार को सेब प्रिये।।
तुम मेघनाथ सी पितृ भक्त।
मैं सनकी औरंगज़ेब प्रिये।।
तुम यूनिवर्सिटी मेडलिस्ट।
मैं हायर सेकंड्री फेल प्रिये।।
तुम विलाऽयती ब्रांडेड फैशन।
मैं दीवाली की सेल प्रिये।।
डर है यदि कह दूं मनोभाव।
मैं दिये जाऊंगा पेल प्रिये।।
मुश्किल है अपना मेल प्रिए।
यह प्यार नहीं है खेल प्रिए।।
तुम बसंत ऋतु की वाटीका।
मैं हूँ जंगल घनघोर प्रिये।।
तुम श्रेया घोषाल सी मृदुल कंठी।
मैं नेहा कक्कर का शोर प्रिये।।
तुम चंचल चित स्वच्छंद पतंग।
मैं तुमको थामे डोर प्रिये।।
तुम नगर निगम नल पर निर्भर।
मैं अपनी पर्सनल बोर प्रिये।।
मुश्किल है अपना मेल प्रिए।
यह प्यार नहीं है खेल प्रिए।।
तुम साईबेरिया की सर्द हवा।
मैं मिस्त्र का रेगिस्तान प्रिये।।
तुम अमरीका की सुपर पावर।
मैं जलता पाकिस्तान प्रिये।।
तुम डोमिनोज़ पिज़्ज़ा बर्गर।
मैं तो बनारसी पान प्रिये।।
तुम कर्मशील कर्तव्यनिष्ठ।
मैं बेगैरत इंसान प्रिये।।
तुम यूपीआई ऑनलाइन पेमेंट।
मैं बैंक की लंबी लाइन प्रिये।।
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