यदि तू ऐसे ही वेरागी बनी रहेगी
तो बात आगे कैसे बढ़ेगी
समुद्र के सामने आने पर भी
तू कब तक यूं ही प्यासी रहेगी
बिना मौसम के फूल खिलने दे
बाकी सब अब तू जाने दे
मुझको अब तू अपना हो जाने दे
कभी तो अपनी
तो बात आगे कैसे बढ़ेगी
समुद्र के सामने आने पर भी
तू कब तक यूं ही प्यासी रहेगी
बिना मौसम के फूल खिलने दे
बाकी सब अब तू जाने दे
मुझको अब तू अपना हो जाने दे
कभी तो अपनी
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