
चलो सारी दुश्वारियो को दूर करते हैं
एक शाम बनारस के घाट पर मिलते हैं
तुम्हें शिकायत है मुझसे
की मैं समय नहीं दे पाती
लेकिन
समाज से हमें इस तरह मिलने की
इजाजत नहीं मिल पाती
चलो छोड़ो यह सब बातें
कुछ अपनी बातें करते हैं&n
एक शाम बनारस के घाट पर मिलते हैं
तुम्हें शिकायत है मुझसे
की मैं समय नहीं दे पाती
लेकिन
समाज से हमें इस तरह मिलने की
इजाजत नहीं मिल पाती
चलो छोड़ो यह सब बातें
कुछ अपनी बातें करते हैं&n
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