
मेरे तुम्हारे बीच में अब तो
ना प्रेम है और ना चाहत
फिर भी इन धड़कनों पर तुम
निस दिन क्यों देते हो आहट
मैं ना तुम बिन अब अधूरी हूं
मैं खुद में ही अब पूरी हूं
मौत के संग मैंने जोड़ा नाता
तुम तो तोड़ चुके हो मुझसे
ना प्रेम है और ना चाहत
फिर भी इन धड़कनों पर तुम
निस दिन क्यों देते हो आहट
मैं ना तुम बिन अब अधूरी हूं
मैं खुद में ही अब पूरी हूं
मौत के संग मैंने जोड़ा नाता
तुम तो तोड़ चुके हो मुझसे
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